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बसंत पंचमी आज: बाबा महाकाल को चढ़ेगा गुलाल, सांदीपनि आश्रम में विद्यारंभ संस्कार
बसंत पंचमी का पर्व गुरुवार को उल्लास के साथ मनाया जाएगा। शहर के देवालयों में भी उत्सव की धूम रहेगी।
उज्जैन. बसंत पंचमी का पर्व गुरुवार को उल्लास के साथ मनाया जाएगा। शहर के देवालयों में भी उत्सव की धूम रहेगी। राजाधिराज भगवान महाकाल को सुबह सरसों के फूलों से शृंगारित किया जाएगा, तो शाम को गुलाल चढ़ाई जाएगी। सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर में भगवान का पीतांबर शृंगार कर केसरिया भात चढ़ाया जाएगा। स्कूलों में मां सरस्वती की वंदना होगी।
30 जनवरी को बसंत पंचमी उत्सव की धूम रहेगी। बाबा महाकाल को वासंती पुष्प के साथ हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा। प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में भगवान को महाराष्ट्रीयन पद्धति से तैयार किए गए केसरिया भात का भोग लगाया जाएगा। साथ ही गोपाल मंदिर, सांदीपनि आश्रम और ढाबा रोड स्थित ठाकुरजी की हवेली में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। शहर के अन्य मंदिरों में वसंतोत्सव की शुरुआत होगी
गोपालजी का केसरिया शृंगार
गोपाल मंदिर के पुजारी पं. अर्पित जोशी ने बताया कि सिंधिया स्टेट की परंपरा अनुसार त्योहार मनाए जाते हैं। गोपालजी को सुबह केसर के जल से स्नान कराया जाएगा। केसर चंदन से शृंगार कर केसरिया वस्त्र धारण कराए जाएंगे। भगवान को सरसों के फूलों के साथ इस ऋ तु में आने वाले समस्त प्रकार के फूल अर्पित किए जाएंगे। इस दिन से मंदिर में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। मंदिर के सभा मंडप में प्रतिदिन महिलाएं फाग के गीत गाकर फूलों से होली खेलेंगी। वहीं पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में बसंत पंचमी से फाग उत्सव की शुरुआत होगी। 40 दिन तक राजभोग आरती में मुखियाजी ठाकुरजी को अबीर-गुलाल से होली खिलाएंगे। मंदिर में भक्ति का गुलाल उड़ेगा, भक्त भी ठाकुरजी के रंग में रंगे नजर आएंगे।
सांदीपनि आश्रम में विद्या आरंभ संस्कार
बसंत पंचमी पर गुरु सांदीपनि आश्रम में विद्या आरंभ संस्कार होगा। परंपरानुसार सरस्वती पूजन एवं वसंत पूजन के साथ विद्यार्थियों एवं नव शिशुओं को विद्या आरंभ कराया जाएगा। पुजारी राहुल व्यास ने बताया भगवान श्रीकृष्ण, बलराम एवं सुदामा ने भी वसंत पूजन कर गुरु सांदीपनि से मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर विद्या आरंभ की थी, तभी से इस स्थान पर विद्या आरंभ करने का महत्व है। सुबह 8 बजे से बच्चों एवं विद्यार्थियों के लिए विद्यारंभ संस्कार प्रारंभ होगा।